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लेखनी कहानी -05-Aug-2024

 थारी टिमटिमाती आंख्यां चांदणी रै मांय चमकै है

 भगवान रा आशीर्वाद थारै माथै बरसै है...

 आत्मा थारै कनै क्यूं खींचै है? 

 कई बार थानै लिखतां ई म्हारी आंगळियां धड़कण लाग जावै है...


 थै भौंरा री तरै जीवण मांय आया हो

 थारी यादां म लिख्योड़ा सबद मांय सुगंध है...!!


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